Kailash Mansarovar Yatra : कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल फिर होगी शुरू, भारत- चीन के बीच डायरेक्‍ट फ्लाइट पर भी सहमति

Kailash Mansarovar Yatra : कैलाश मानसरोवर यात्रा इस साल फिर होगी शुरू, भारत- चीन के बीच डायरेक्‍ट फ्लाइट पर भी सहमति
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नई दिल्ली। कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) इस साल से फिर शुरू होगी। करीब पांच वर्ष पहले बंद हुई इस यात्रा के इस बार गर्मियों में शुरू होने की उम्मीद है। यह यात्रा जून 2020 में भारत और चीन के बीच हुए डोकलाम विवाद के बाद रोक दी गई थी। दोनों देशों के बीच दो दिन चली विदेश सचिवों के बीच बातचीत में इस यात्रा को फिर शुरू करने का फैसला किया गया। इसके साथ ही कोरोना माहामारी (Covid-19) के दौरान दोनों देशों के बीच बंद हुई सीधी हवाई उड़ान (Direct Flight) शुरू करने पर भी सहमति बन गई है।

दोनों देशों के बीच विदेश सचिवों की वार्ता में हुआ फैसला

भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री इस वार्ता के लिए बीजिंग गए थे। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पिछले साल अक्टूबर में कजान में मिले थे और आपसी संबंधों की स्थिति पर बातचीत कर इसे बेहतर बनाने के लिए कुछ कदम उठाने पर उनके बीच सहमति हुई थी। कैलाश मानसरोवर का ज्यादातर हिस्सा चीन के कब्जे वाले तिब्बत में है।

कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर भारत चीन के बीच 2013 और 2014 में हुए थे समझौते

कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) के लिए भारत और चीन के बीच 2013 और 2014 में समझौते हुए थे।

  • पहला समझौता 20 में 2013 को हुआ था। इसके तहत भारत और चीन के बीच लिपुलेख दर्रा मार्ग से कैलाश मानसरोवर जाने की व्यवस्था हुई थी। यह समझौता भारत के तत्कालीन विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और चीन के विदेश मंत्री वांग यी हुआ था। इस समझौते के बाद लिपुलेख दर्रा खुल गया था।
  • इसके बाद 18 सितंबर 2014 को नाथुला मार्ग के जरिए कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दोनों देशों के बीच समझौता हुआ। यह समझौता भारत की तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुआ था।

भारतीयों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा के तीन मार्ग

भारत से कैलाश मानसरोवर यात्रा (Kailash Mansarovar Yatra) पर जाने के दो रास्ते हैं। नेपाल के काठमांडू से भी कैलाश मानसरोवर (Kailash Mansarovar Yatra) की यात्रा पर जा सकते हैं। कैलाश मानसरोवर यात्रा को लेकर कुछ प्रमुख तथ्य –

  • समुद्र तल से कैलाश मानसरोवर की ऊंचाई 21770 फीट है।
  • उत्तराखंड के लिपुलिख से मानसरोवर की यात्रा का मार्ग करीब 65 किलोमीटर है।
  • सिक्किम के नाथुला से कैलाश मानसरोवर यात्रा का मार्ग करीब 802 किलोमीटर लंबा है।
  • कैलाश मानसरोवर जाने का तीसरा रास्ता नेपाल की राजधानी काठमांडू से है। यह यात्रा मार्ग करीब 500 किलोमीटर लंबा पड़ता है।

दोनों देशों के बीच सीधी हवाई यात्रा फिर होगी शुरू

दोनों देशों के बीच सीधी हवाई सेवाओं (Direct Flight) की बहाली पर भी बैठक में सहमति बन गई। इसके लिए दोनों पक्षों के संबंधित तकनीकी अधिकारी शीघ्र ही इस संबंध मेंबैठक कर एक रूपरेखा तय करेंगे। बता दें कि वर्ष 2025 भारत तथा चीन के राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है।

  • दोनों देशों के विदेश सचिव की बैठक में तय किया गया कि आपसी सहयोग और समझ को बढ़ाने व बेहतर बनाने के लिए मीडिया एवं थिंक टैंक के बीच बातचीत को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • दोनों देश अपने राजनयिक संबंध को 75वीं वर्षगांठ को संयुक्‍त रूप से मनाएंगे।
  • इसके साथ ही फिर से हाइड्रोलॉजिकल डेटा के आदान प्रदान और सीमा पार नदियों के पानी को लेकर सहयोग बढ़ाने के लिए दोनों देशों के बीच विशेषज्ञ स्‍तर की बैठक होगी।

कोरोना महामारी से पहले दोनों देशों के बीच हर महीने करीब 539 सीधी हवाई उड़ानें होती थीं और करीब सवा लाख यात्री हर माह इनमें यात्रा करते थे। दोनों देशों के बीच सीधी हवाई उड़ानें बंद हो जाने के बाद भारत और चीन के यात्री बांग्‍लादेश, थाईलैंड, सिंगापुर और हांगकांग आदि से होकर यात्रा करते थे।

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