Sateek Samachar, मुंबई।
Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र की राजनीति में यह चर्चाएं फिर गर्मा रही हैं कि क्या एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) फिर एक आ सकते हैं। देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की सरकार में एकनाथ शिंदे (EKnath Shinde) की पार्टी के कोटे से कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट (Sanjay Shiursat) के बयान के बाद कयासबाजी तेज हो गई है।
शिंदे की शिवसेना से कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने कहा- दोनों दलों में सुलह कराने को तैयार
शिरसाट को पूर्व मुख्यमंत्री और फडणवीस सरकार में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बेहद करीबी माना जाता है। उन्होंने कहा है कि वह अपने दल और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के बीच सुलह कराने को तैयार हैं, लेकिन इसके लिए पहले दिल मिलना जरूरी है। दोनों को एक-दूसरे की गलतियों को माफ करना होगा।

कहा- दोनों दलों के बीच दूरियां काफी बढ़ीं, बिना इसे पाटे नहीं सुधर सकते संबंध
एक मराठी चैनल को दिए साक्षात्कार में संजय शिरसाट ने कहा कि मेरे सहित हमारी पार्टी के कई नेताओं के शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। हम अभी भी गर्मजोशी से एक-दूसरे से मिलते हैं। लेकिन, दोनों दलों के बीच दूरियां काफी हो गई हैं। इसे नहीं पाटा गया तो बाद में संबंध सुधारना बेहद कठिन हो जाएगा। शिरसाट ने कहा कि बाला साहेब ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना में विभाजन से हम दुखी हैं। शिवसेना का नेतृत्व अब एकनाथ शिंदे कर रहे हैं।
बोले- एक दूसरे की गलतियों को माफ करना होगा
शिरसाट ने कहा कि हमें एक-दूसरे की गलतियों को माफ करना होगा। यदि आप सोचते हैं कि एक-दूसरे का अपमान कर एक साथ सकते हैं तो यह कतई संभव नहीं है। बता दें कि पिछले कुछ समय से महाराष्ट्र की सत्ताधारी महायुती गठबंधन में दूरियां आने की कयासबाजी हो रही है। उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना (यूबीटी) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने इन चर्चाओं को हवा देने का प्रयास किया था।
संजय राउत ने कहा था – फडणवीस और शिंदे के संबंध हुए खराब
राउत ने अपनी पार्टी के मुखपत्र सामना (Samna) में प्रकाशित अपने साप्ताहिक कालम में लिखा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणनवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच अब कोई वास्तविक संवाद नहीं रह गया है। दोनों के संबंध खराब हो गए हैं और उनके बीच तनाव है। राउत ने यहां तक दावा किया कि शिंदे की शिवसेना के विधायक शिवसेना (यूबीटी) के साथ आना चाहते हैं, लेकिन केंद्रीय एजेसिंयों से डरे हुए हैं। उन्होंने लिखा कि महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति की बड़ी जीत के बाद एकनाथ शिंदे की सरकार में भूमिका घट गई है।