Sateek Samachar, चंडीगढ़।
Haryana Cabinet Decisions: हरियाणा कैबिनेट की मंगलवार को हुई बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। राज्य में पंचायती भूमि पर बने मकानों का अब संबंधित व्यक्ति को मालिकाना अधिकार दिया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर रेट पर भुगतान करना होगा। इसके साथ ही यह शर्त होगी कि मकान 20 वर्ष से वहां बना हो। इसके साथ ही गरीबों को जमीन देने का भी निर्णय किया गया। राज्य सरकार ने आढ़तियों को भी राहत दी है और उनके लिए 3.10 करोड़ राहत राशि का ऐलान किया है। कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने की।
विलेज कॉमन लैंड ऐगुलेशन एक्ट में होगा संशोधन
बैठक के बाद मुख्यमंत्री सैनी ने इसमें लिए गए निर्णयों के बारे में जानकारी दी। सैनी ने बताया कि कैबिनेट की बैठक में कई अहम निर्णय किए गए। कैबिनेट ने विलेज कॉमन लैंड रेगुलेशन एक्ट- 1961 में संशोधन की मंजूरी दे दी। राज्य में पंचायती जमीन पर 20 से बने मकानों को मालिकाना हक दिया जाएगा। यह 500 वर्ग तक के मकानों को दिया जाएगा। इसके लिए वर्ष 2004 के कलेक्टर रेट से भुगतान करना होगा।
एक साल तक पंचायती जमीन पर बने मकान का मालिकाना हक
उन्हाेंने बताया कि यह सुविधा एक साल तक रहेगी और इस दौरान संबंधित व्यक्ति पंचायती भूमि पर बने मकान का स्वामित्व हासिल कर सकता है। इस भूमि को बाद में किसी भी दर पर बेचा भी जा सकता है, लेकिन इसके लिए विभागीय निदेशक से मंजूरी लेनी होगी। बता दें कि हरियाणा में पंचायती भूमि पर मकान बनाने के काफी मामले हैं।
आढ़तियों को 3.10 करोड़ रुपये की एकमुश्त राहत राशि
मुख्यमंत्री सैनी ने बताया कि राज्य में आढ़तियों की शिकायत थी कि रबी फसलों के दाैरान उनको नुकसान हुआ। ऐसे में कैबिनेट ने आढ़तियों को एकमुश्त राहत देने के लिए तीन करोड़ 10 लाख रुपये की राशि जारी करने का फैसला भी किया। बैठक में हरियाणा वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम -2024 को भी स्वीकृति दे दी। इसके साथ ही गरीबों को प्लाट उपलब्ध कराने के निर्णय पर भी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी।
बैठक में किए गए महत्वपूर्ण फैसले –
- आढ़तियों को एकमुश्त राहत राशि दी जाएगी। इसके लिए तीन करोड़ 10 लाख रुपये जारी करने को स्वीकृति।
- हरियाणा वन्य जीव जीव सुरक्षा अधिनियम – 2024 को मंजूरी।
- विभिन्न प्रकार के परमिट जारी करने के लिए मानदंड तय किए गए हैं।
- विलेज काॅमन लैंड रेगुलेशन एक्ट में संशोधन को स्वीकृति।
- पंचायती भूमि पर 20 साल से बने मकान का मालिकाना हक दिया जाएगा। कलेक्टर रेट से भुगतान कर एक साल तक इसे संबंधित व्यक्ति अपने नाम करा सकेंगे। यह कलेक्टर रेट वर्ष 2004 के अनुरूप लगेगा।

