Sateek Samachar , मुंबई ।
शिव – पार्वती पुत्र भगवान श्री गणेश हर विघ्न बाधा का अंत करते हैं। इसी कारण उनको विघ्नविनाशक कहते हैं। देश में कई स्थानों पर भगवान श्री गणेश के पावन स्थल व मंदिर हैं। इनमें आठ ऐसे स्थल हैं जहां श्री गणेश स्वयंभू प्रकट हुए। इन्हें अष्टविनायक कहा जाता है। सभी अष्टविनायक महाराष्ट्र में हैं।और इनकी शुरुआत मयूरेश्वर (मोर गांव) से होती है।
आपकी जानकारी के लिए नीचे अष्टविनायक के नाम और जगह की डिटेल्स दी गई हैं –
- मयूरेश्वर (मोर गांव)
- सिद्धिविनायक (सिद्धटेक)
- बल्लालेश्वर (पाली)
- वरदविनायक (महाड)
- चिंतामणि (थेउर )
- गिरिजात्मज (लेन्याद्री)
- विघ्नेश्वर (ओझर)
- महागणपति (रांजणगांव)
अगर आप इस तरह से यात्रा करते हैं तो आपकी अष्टविनायक की यात्रा सुगम रहेगी। गर्मियों में आने से परहेज़ करें क्यूंकि गर्मी काफी ज़्यादा होती है।
आप अष्टविनायक आने के लिए रेल , निजी वाहन या बस का उपयोग कर सकते हैं। धर्मशालाओं की उपयुक्त मात्रा की वजह से आपका रुकना आसानी से हो सकता है।
कहा जा सकता है की अष्टविनायक की यात्रा आपके मन की शांति और आपके मनवांछित मनोकामना को पूरी करते हैं।
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