War Against Drugs in Punjab : पंजाब में नशे के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई, सीएम भगवंत मान ने की बड़ी घोषणा

War Against Drugs in Punjab : पंजाब में नशे के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई, सीएम भगवंत मान ने की बड़ी घोषणा
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Sateek Samachar, चंडीगढ़।

War Against Drugs In Punjab: पंजाब में नशे के खिलाफ अब निर्णायक जंग शुरू की जाएगी। राज्‍य के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने पंजाब में नशे के खात्‍मे के लिए तीन माह की समय सीमा की घोषणा की है। उन्‍होंने पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी को तीन महीने के भीतर पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने का आदेश दिया।

सीएम भगवंत मान ने नशे के खात्‍मे के लिए तीन माह की समय सीमा तय की

भगवंत मान ने चंडीगढ़ के पंजाब भवन में शुक्रवार को पुलिस कमिश्नरों, डिप्टी कमिश्नरों और एसएसपी के साथ बैठक की। सीएम मान ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे के प्रति किसी भी प्रकार की सहानुभूति न रखने की नीति अपनाई है और इस समस्या के खिलाफ व्यापक लड़ाई शुरू की जा रही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस का कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न चुनौतियों से निपटने का लंबा और शानदार इतिहास है। उम्‍मीद है कि पुलिस अपनी शानदार परंपरा को कायम रखेगी और आम लोगों के सक्रिय सहयोग से राज्य को पूरी तरह नशा मुक्त बनाएगी।

नशे के केसों की सुनवाई के लिए गठित‍ि होगी फास्‍ट ट्रैक अदालतें
भगवंत‍ मान ने कहा कि सरकार नशे के मामलों की तेजी से सुनवाई और दोषियों को सजा दिलाने के लिए विशेष फास्ट ट्रैक अदालतों का गठन करेगी। स्कूलों और कॉलेजों में नशे की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे ताकि युवा इसकी चपेट में न आएं। उन्होंने कहा कि नशे की सप्लाई लाइन को पूरी तरह तोड़ेंगे और नशा बेचने वालों को जेल में डाला जाएगा।

नशा तस्‍करों व उनके परिवारों को बिजली, पानी व अन्‍य सुविधाओं पर सब्सिडी नहीं

सीएम मान ने यह भी कहा कि राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि नशा तस्करों और उनके परिवारों को बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं में कोई सब्सिडी न दी जाए। अगर नशा तस्करों के खिलाफ मिसाल कायम करने के लिए एनडीपीएस एक्ट में किसी और संशोधन की जरूरत पड़ी तो इस मुद्दे को केंद्र सरकार के समक्ष उठाएंगे।

कहा- नशे के खिलाफ लड़ाई को बनाना होगा जन और सामाजिक आंदोलन

उन्‍होंने कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई को जन और सामाजिक आंदोलन में बदलना होगा। इसके लिए अधिकारियों को व्यापक कार्रवाई के लिए उचित योजना बनानी चाहिए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने नारंगवाल गांव का उदाहरण दिया, जहां गुरुवार शाम को नशा तस्कर की अवैध संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि जिस साझा जमीन पर यह घर बनाया गया था, वहां अब एक लाइब्रेरी बनाई जाएगी। जिस जगह से नशा बेचा जाता था, उसे ‘ज्ञान का केंद्र’ में बदला जाएगा, ताकि युवाओं को नशे की समस्या के बारे में जागरूक किया जा सके।

पहले आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीती, अब नशे केविरुद्ध जीतेंगे

भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जीती थी । नशे के खिलाफ लड़ाई को जमीनी स्तर पर ठोस योजना और क्रियान्वयन के माध्यम से जीता जाएगा, जिसके लिए अधिकारियों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी। यह एक असाधारण लड़ाई है और सरकार को विशेष रूप से प्रत्येक अधिकारी को पारंपरिक विचारों से हटकर कार्यान्वित करने और आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने पुलिस कमिश्नरों और एसएसपी से कहा कि उनके अधिकार क्षेत्र में तीन महीने के भीतर नशा पूरी तरह समाप्त होना चाहिए। एक महीने बाद प्रत्येक एसएसपी द्वारा जिले में नशा विरोधी कार्यक्रम की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा और प्रदर्शन न दिखाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, अमन अरोड़ा, डॉ. बलबीर सिंह, तरुणप्रीत सिंह सौंद और लालजीत सिंह भुल्लर भी उपस्थित थे।

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