Sateek Samachar, चंडीगढ़।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसानों से बातचीत के लिए उनके दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन आंदोलन के नाम पर आम लोगों को परेशान करने से बचना चाहिए। किसान आंदाेलन का केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं हाे रहा है। पंजाब को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
कहा- वार्ता के लिए मेरे दरवाजे हमेशा खुले हैं, लेकिन आम लोगों को परेशान करने से बचें
भगवंत मान ने पंजाब भवन में किसानों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के विभिन्न वर्गों से संबंधित मुद्दों को बातचीत के माध्यम से हल करने के लिए हमेशा तैयार है, इसलिए रेलों या सड़कों को रोकने से आम जनता को होने वाली परेशानी से बचना चाहिए। ऐसी कार्रवाइयां आम लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी करती हैं। इससे लोग आंदोलनकारियों के खिलाफ हो जाते हैं और समाज में फूट पड़ती है। दुर्भाग्य से आम लोगों को ऐसे विरोध प्रदर्शनों के कारण बहुत नुकसान उठाना पड़ता है, जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है।
विरोध प्रदर्शन किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार, लेकिन पंजाब को हो रहा भारी नुकसान
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि भले ही विरोध प्रदर्शन करना किसानों का लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन उन्हें यह भी सोचना चाहिए कि इससे राज्य को भारी नुकसान हो रहा है। व्यापारी और उद्योगपति इस बात पर दुख व्यक्त कर रहे हैं कि बार-बार सड़कें और रेल मार्ग जाम करने से उनके व्यवसाय तबाह हो रहे हैं। किसान समाज में फूट डालने वाली ऐसी रणनीतियों से बचें।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है, लेकिन उनकी सभी मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं। किसान यूनियनों के लगातार विरोध प्रदर्शनों के कारण पंजाब और पंजाबियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों को जाम करने से रोज़ाना हज़ारों लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है।
उन्होंने कहा कि रेलों और सड़कों को जाम करने से केंद्र सरकार पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन आम लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। अब तक किसी भी नेता ने किसानों की समस्याएं सुनने के लिए उनसे इतनी बैठकें नहीं कीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ये मुद्दे पंजाब सरकार से संबंधित न होने के बावजूद किसान राज्य में विरोध प्रदर्शन जारी रखना चाहते हैं।
पंजाब सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के मसौदे को किया खारिज
भगवंत मान ने कहा कि वह राज्य के किसानों के अधिकारों के संरक्षक हैं और उनके हितों की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी। राज्य सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा तैयार की गई राष्ट्रीय कृषि बाजार नीति के मसौदे को खारिज कर दिया है। उकृषि और इसका विपणन राज्य का विषय है और इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है। यह मसौदा केंद्र सरकार की पंजाब विरोधी और किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
पंजाब के लिए कृषि नीति का मसौदा तैयार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही केंद्र को लिखित जवाब भेजकर इस मसौदे का कड़ा विरोध कर चुकी है। पंजाब सरकार पहले ही राज्य के लिए कृषि नीति का मसौदा तैयार कर चुकी है। इस पर सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं और सभी के सुझाव प्राप्त होने के बाद इस नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।