Punjab Cabinet Decisions : पंजाब सरकार का उद्योग हितषी निर्णय, पीएचआइईसी के रद्द प्लाटों के लिए बनेगी अपील अथॉरिटी

Punjab Cabinet Decisions : पंजाब सरकार का उद्योग हितषी निर्णय, पीएचआइईसी के रद्द प्लाटों के लिए बनेगी अपील अथॉरिटी
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Sateek Samachar, चंडीगढ़।

Punjab Cabinet Decisions: पंजाब की भगवंत मान सरकार ने उद्योगों के हित में महत्वपूर्ण फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल ने पंजाब राज्य औद्योगिक निर्यात निगम (पीएसआइईसी) के रद्द किए गए प्लॉटों के लिए अपील अथॉरिटी के गठन की मंजूरी दे दी है।

आवंटियों के लंबित मामलों का होगा समाधान

पंजाब कैबिनेट की बैठक वीरवार शाम मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के प्रवक्ता ने बताया कि पीएसआइईसी में विभिन्न कारणों से रद्द किए गए प्लॉटों के लिए दोबारा अपील की जा सकेगी और इसके लिए अपील अथॉरिटी का गठन होगा। यह अथॉरिटी आवंटियों के लंबे समय से लंबित मामलों का समाधान करेगा और विभिन्न संगठनों की मांगों को भी सुलझाएगा। यह सरकार व पीएसआइईसी और आवंटियों के बीच मुकदमेबाजी को भी कम करेगा।

प्रवक्ता ने बताया कि यह नीति राज्य सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग द्वारा जारी अधिसूचना की तारीख से लागू होगी। इसके तहत पहले रद्द किए गए प्लॉटों के बारे में 30 सितंबर, 2025 तक अपील की जा सकेगी। नए मामलों के लिए रद्दीकरण की तारीख से छह महीने की समय सीमा होगी। इसका उद्देश्य पीएसआइईसी द्वारा प्लॉट रद्द करने के खिलाफ अपील दायर करने, समीक्षा करने और निर्णय लेने के लिए एक संरचित, पारदर्शी और कुशल तंत्र स्थापित करना है।

कोई भी प्लॉट धारक जिसका प्लॉट पीएसआइईसी द्वारा रद्द किया गया था (पहले से बहाल या पुनः आवंटित प्लॉटों को छोड़कर), संबंधित दस्तावेजों या साक्ष्यों के साथ अपना दावा पेश कर सकता है। आवेदक निर्धारित प्रारूप (फॉर्मेट-ए) में स्वयं या appeal.psiec@gmail.com पर ईमेल के माध्यम से लिखित अपील जमा करा सकेगा।

फैक्ट्रियों के भवन नक्शों की मंजूरी के लिए तीसरे पक्ष प्रमाणन व स्व-प्रमाणन को मंजूरी


इसके साथ ही पंजाब कैबिनेट ने फैक्ट्रियों की भवन योजनाओं की मंजूरी के लिए तीसरे पक्ष प्रमाणन/स्व-प्रमाणन को मंजूरी दे दी। प्रवक्ता ने बताया कि फैक्ट्री अधिनियम-1948 के अनुसार, किसी भी फैक्ट्री के भवन नक्शे को भवन उप-नियमों और फैक्ट्री अधिनियम के अनुसार मंजूरी दी जाती थी। इस प्रक्रिया के कारण मंजूरी में काफी समय, धन और ऊर्जा की बर्बादी होती थी। जब कोई फैक्ट्री म्यूनिसिपल क्षेत्र से बाहर स्थापित होती है, तो श्रम विभाग इन योजनाओं को मंजूरी देता है।

भवन योजनाओं की मंजूरी का समय 45 से घटाकर 30 दिन किया जाएगा

इस प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए मंत्रिमंडल ने तीसरे पक्ष प्रमाणन/स्व-प्रमाणन की व्यवस्था को लागू करने की मंजूरी दी है। जिसके तहत भवनों के नक्शों को भवन उप-नियमों के अनुसार आर्किटेक्ट द्वारा मंजूरी दी जा सकती है। इन योजनाओं को श्रम विभाग द्वारा इस प्रमाणन के आधार पर और भू-उपयोग/मास्टर प्लान के अनुरूपता की पुनः पुष्टि, ग्राउंड कवरेज, सेटबैक, भवन की समग्र ऊंचाई, उस सड़क की चौड़ाई जिस पर साइट स्थित है, सड़क को चौड़ा करने की अनुमति देने के लिए सहमति/उद्देश्य और पार्किंग के आधार पर आगे मंजूरी दी जाएगी। फैक्ट्री अधिनियम के अनुसार योजनाएं पहले की तरह ही पारित की जाएंगी, लेकिन इस कदम से निवेशकों को सुविधा मिलेगी और योजना को मंजूरी देने का समय 45 दिनों से घटाकर 30 दिन किया जाएगा।

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