Sateek Samachar, पानीपत । हरियाणा में देवभाषा संस्कृत को घर-घर पहुंचाने के संकल्प के संग पट्टी कल्याणा में आयोजित संस्कृत भारती के प्रांत सम्मेलन का समापन हो गया। इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन सेवा साधना ग्राम विकास केंद्र में हुआ। समापन पर कहा गया कि संस्कृत की पहुंच हर घर तक बनाने और इसको लेकर पैदा की गई भ्रांतियों को दूर करने के लिए कार्यकर्ता पूरी निष्ठा और लगन से कार्य करेंगे। प्रांत सम्मेलन के दौरान रविवार रात रात्रिकालीन सत्र में संस्कृत गीतों पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया।
संस्कृत प्रचार-प्रसार में सर्वजन भागीदारी के आह्वान के साथ प्रांत सम्मेलन का समापन
सम्मेलन में विभिन्न दायित्वों की भी घोषणा की गई। समापन सत्र में विधानसभा में संस्कृत में शपथ लेने वाले यमुनानगर के विधायक घनश्याम दास अरोड़ा काे सम्मानित किया गया। प्रांत सम्मेलन के समापन सत्र में संस्कृत भारती के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री नरेंद्र कुमार मुख्य वक्ता रहे। अध्यक्षता प्रांत अध्यक्ष डॉ.सोमेश्वर दत्त ने की।
नरेंद्र कुमार ने कहा कि संस्कृत को गांव-गांव, घर-घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रत्येक कार्यकर्ता की है। हम क्या अच्छा कर सकते हैं, इस बारे में व्यापक चिंतन जरूरी है। कार्यकर्ता को किसी नेतृत्व की आवश्यकता नहीं होती है। विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने संस्कृत भारती की सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्कृत भारती संस्कृत को जनभाषा बनाने में प्रयासरत है। संस्कृत देव भाषा है। कार्यकर्ता इसे घर- घर तक पहुंचने का कार्य करें। संस्कृत के प्रति उनका समर्पण भी सदैव बना रहेगा।
ये रहे मौजूद
सम्मूलन के समापन सत्र में संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री जयप्रकाश, अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख हुल्लास चंद, उत्तर क्षेत्र संपर्क प्रमुख डॉ.जोगेंद्र, प्रांत मंत्री प्रमोद शास्त्री, प्रांत सह मंत्री भूपेंद्र, ईशम सिंह, न्यास अध्यक्ष डॉ.रामनिवास, प्रचार प्रमुख सतेंद्र कुमार, कोष प्रमुख डॉ. सुरेश कुमार, पुष्पेंद्र, डॉ. नवीन शर्मा, सुशील शास्त्री हिसार,प्रवेश कौशिक, डॉ.शैलेंद्र, डॉ. राजबीर, अशोक बुचौली, जयपाल शास्त्री, रामदेव सिरसा, विनय गोपाल त्रिपाठी, गिरीश चंद्र, बलजिंद्र, डॉ.सुनील, डॉ.संजीव, नीरज, राजकुमार, जयभगवान कैथल आदि भी उपस्थित रहे।
इन्हें दिया गया दायित्व
समापन सत्र में संस्कृत भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ. सोमेश्वर दत्त ने संगठन के दायित्वों की घोषणा की। काशी को गुरुग्राम का सह मंत्री, महिपाल को संपर्क प्रमुख, जगमीत को शिक्षण प्रमुख नियुक्त किया गया। कप्तान गुरुदयाल शर्मा को पलवल संपर्क प्रमुख, सुशील शास्त्री को हिसार विभाग सह संयोजक, कर्मवीर को गीता शिक्षण प्रमुख, पारस को विद्यालय कार्य प्रमुख मनोनीत किया गया। इसी क्रम में सुरेंद्र भारद्वाज को जिंद जिला मंत्री, रमेश कुमार को विद्यालय कार्य प्रमुख, निशु को नरवाना बाल केंद्र प्रमुख के रूप में दायित्व दिया गया।
संस्कृत गीतों पर लोक नृत्यों ने जमाया रंग
इससे पहले रविवार को प्रांत सम्मेलन में रात्रिकालीन सत्र में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। इनमें संस्कृत गीतों पर लोकनृत्यों ने खूब रंग जमाया। एक घंटे से भी अधिक चले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उद्योगपति सुधीर चौधरी रहे। अध्यक्षता संस्कृत भारती न्यास के अध्यक्ष डॉ.रामनिवास ने की। मंच संचालन प्रांत शिक्षण प्रमुख डॉ.नवीन शर्मा ने किया।
कैथल से पधारे छत्तीराम शास्त्री के पद्मपुराण से संकलित से स्त्रोत पाठ से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के छात्रों के रागनी स्टाइल में संस्कृत में यक्ष युधिष्ठिर संवाद ने प्रतिभागियों को काफी प्रभावित किया। इसके बाद वद मित्रम् संस्कृत मित्रम् गीत की प्रस्तुति हुई। सिरसा से कपिश आदि ने भारतम् भारतं सामूहिक गीत की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शानदार प्रस्तुति राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कठवाड़(कैथल) तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कैथल की छात्राओं का संस्कृत गीत पर नृत्य की रही। रम्या रम्या संस्कृत भाषा, गीतांसी गायामि गीत पर तालियां खूब बजी।