Sateek Samachar, चंडीगढ़ । हरियाणा के मंत्रियों ने कर्मचारियों के तबादले करने की पावर मांगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से फिलहाल ग्रुप डी के कर्मचारियों के स्थानांतरण करने की पावर मांगी है। राज्य के मंत्री अभी कर्मचारियों के स्थानांतरण की सिर्फ सिफारिश कर सकते हैं। मंत्रियों का कहना है कि तबादले का अधिकार नहीं होने के कारण अफसर हावी रहते हैं।
यह मामला वर्ष 2024 में भी उस समय उठी थी जब मनोहर लाल के इस्तीफे के बाद नायब सिंह सैनी पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। उस समय लोकसभा चुनाव और इसके बाद विधानसभा चुनाव के कारण इसे टाल दिया गया था।
मंत्रियों का कहना है कि तबादले का अधिकार नहीं होने के कारण विभागीय कामकाज में उनको मजबूत पकड़ बनाने में दिक्कत हाे रही है। मुख्यमंत्री सैनी ने मंत्रियों को तबादले का अधिकार देने के बारे में फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया है। माना जा रहा है कि वह इस बारे में आलाकमान से जल्द ही बातचीत करेंगे और कोई फैसला करेंगे। बता दें कि हरियाणा में तबादले के पावर और अधिकारियों के रवैये का मामला मंत्री पहले भी उठाते रहे हैं। मनोहर लाल सरकार के समय तो यह मामला काफी गर्मा गया था।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के समय भी मंत्रियों को तबादले का अधिकार दिया गया था, लेकिन इसे वापस ले लिया गया था। मनोहर लाल सरकार के समय शुरुआत में मंत्रियों को एक -एक माह के लिए ग्रुप डी कर्मचारियों के स्थानांतरण का अधिकार दिया जाता था, लेकिन बाद में इसे समाप्त कर दिया गया। बाद में मनोहरलाल के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरे कार्यकाल के दौरान मंत्रियों को 20 दिन के लिए तबादले का अधिकार दिया गया था।