Sateek Samachar, नई दिल्ली।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya 2025) 30 अप्रैल को है। वैसे यह आज यानि 29 अप्रैल को शाम 5.31 बजे शुरू हो जाएगी। लेकिन उदय तिथि के अनुसार वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया अक्षय तृतीया रोहिणी नक्षत्र के साथ गजकेसरी महायोग में बुधवार 30 अप्रैल को मनाई जाएगी अब ऐसा योग करीब 17 साल बाद आएगा। अक्षय तृतीया पर इस बार 10 अन्य महायोग का निर्माण भी हो रहा है और ऐसे में इस दिन गृह प्रवेश नव व्यापार धार्मिक अनुष्ठान और पूजा पाठ का विशेष महत्व है।
बन रहे विशेष योग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, अक्षय तृतीया पर और चंद्रमा अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं। ऐसे में उनकी कृपा का फल अक्षय यानी क्षय न होने वाला होता है। इस बार अक्षय तृतीया पर गजकेसरी महायोग के संग मालव्य योग, चतुर्ग्रही योग, रवि योग, लक्ष्मी नारायण राजयोग एवं सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन दान पुण्य और स्वर्ण क्रय यानी सोना खरीदने का विशेष महत्व है।
अबूझ विवाह का भी चलन
अक्षय तृतीया पर अबूझ विवाह का भी प्रचलन रहता है, हरियाणा और राजस्थान सहित कुछ राज्यों में बाल विवाह के मामले होने की आशंका रहती है। इसको लेकर प्रशासन की ओर से विशेष नजर रखने की व्यवस्था की गई है। ज्योतिषविदों का कहना है कि अक्षय तृतीया 29 अप्रैल को शाम पांच बजकर 31 मिनट से बुधवार 30 अप्रैल को दोपहर बाद दो बजकर 12 मिनट तक रहेगी , लेकिन उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीया पर्व 30 अप्रैल को मनाना श्रेयस्कर होगा।
यह होगा होगा पूजा और स्वर्ण क्रय का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया पर पूजा का शुभ मुहूर्त प्रात:काल 5.41 बजे से दोपहर 12.18 बजे तक रहेगा। इसके ही अक्षय तृतीया पर स्वर्ण क्रय का शुभ मुहूर्त 29 अप्रैल मंगलवार को सायंकाल 5.31 बजे से 30 अप्रैल बुधवार को प्रात: 5.41 बजे तक रहेगा। अक्षय तृतीया को आखा तीज भी कहते हैं। इस दिन महिलाएं परिवार की समृद्धि और सुख वृद्धि के लिए व्रत भी रखती हैं।